श्री प्रेम-भुवनभानु-जयघोष-देव-रत्न-पद्मसुन्दर सूरि गुरूभ्यो नमः
धर्मप्रेमी परिवार की शुरूआत तो सन् 2016 जनवरी से पल्लीवाल क्षेत्र में गंगापुर सिटी से हुई परन्तु इसके विचार एवं बीज सन् 2009 में रहे हुए है। परम पूज्य सिद्धांत दिवाकर, सर्वाधिक साधु समुदायाधिपति, गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयघोषसूरिजी महाराजा एवं पद्मभूषण विभूषित, सरस्वतिलब्धप्रसाद, राष्ट्रहित चिंतक, पूज्य गुरूदेव, श्रीमद् विजय रत्नसुन्दर सूरि जी महाराजा की आज्ञा एवं आर्शीवाद से तथा पूज्य मुनिराज तत्वसुंदर विजयजी महाराजा एवं जिनशासन रत्न सुश्रावक श्री कुमारपाल भाई वी शाह की प्रेरणा से पूज्य गुरूभगवंत गणिवर्य श्री धैर्यसुन्दर विजय जी एवं पूज्य मुनि श्री निर्मोहसुन्दर विजयजी महाराज का चातुर्मास इस पल्लीवाल क्षेत्र के नदबइ(जिला : भरतपुर) में हुआ। धर्म की द्रष्टी से प्यासे इस क्षेत्र को प्रथम बार ऐसा गुरूभगवंतो का संयोग प्राप्त हुआ। चातुर्मास बाद दोनों गुरूभगवंतो ने लगभग 1 वर्ष तक विचरण कर धर्म प्रभावना की। कुछ कारणवश उन्हें फिर मुम्बई की ओर जाना पड़ा।
सम्पूर्ण क्षेत्र में लोगों का लगाव एवं पुनः इस क्षेत्र में पधारने की और चातुर्मास की विनती को ध्यान में रखते हुए पूज्य गुरूदेव श्री विजय रत्नसुन्दर सूरि जी महाराजा की आज्ञा से गुरूभगवंतो का पुनः इस पल्लिवाल क्षेत्र में पदार्पण सन् 2016 जनवरी में गंगापुर सिटी में हुआ। विगत सालों में साधु-साध्वियों के अल्प विचरण के कारण इस क्षेत्र में धर्म की समझ एवं धर्म के आचरण की कमी देखकर पू. गुरूभगवंतो ने धर्मप्रेमी परिवार की स्थापना करवाई। बीज से वटवृक्ष की यात्रा में अग्रसर यह धर्मप्रेमी परिवार आज भारत भर के 1000 से भी ज्यादा परिवारों को जोड़ चुका है।